भाषा एकमात्र अनन्त है(अशोक वाजपेयी)

निम्नलिखित पद्यांशों पर आधारित दिए, गए प्रश्नों के उत्तर हल सहित |

पद्य -1

1. न बच्चा रहेगा,
न बूढ़ा,
न गेंद, न फूल, न दालान
रहेंगे फिर भी शब्द
भाषा एकमात्र अनन्त है !
(i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- सन्दर्भ – प्रस्तुत कविता ‘भाषा एकमात्र अनन्त हैं हमारी पाठ्य-पुस्तक के काव्य खण्ड में संकलित कवि अशोक वाजपेयी द्वारा विरचित है।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर- रेखांकित अंश की व्याख्या- कवि अशोक वाजपेयी कहते हैं कि धरती पर उसे जो भी वस्तुएँ दिखलाई देती हैं, वे सभी नश्वर हैं, नाशवान हैं। इन सबके नष्ट होने पर भी एक चीज शेष रहती है और वह है शब्द | शब्द अमर हैं। अत: शब्दों के रूप में भाषा ही एक ऐसी वस्तु है जो संसार में अमर है, असीम है, अनन्त है। भाषा का अन्त नहीं होता है, वह सतत प्रवाहमान है।
(iv) कवि ने किस किसको क्षणभंगुर बताया है ?
उत्तर-कवि ने फूल , बच्चे , बूँद , गेंद और दालान को क्षणभंगुर बताया है
(iii) इन पंक्तियों में किस शैली का प्रयोग किया गया है?
उत्तर- मुक्तक काव्य शैली।

पद्य -2

2.फूल झरता है
फूल शब्द नहीं !
बच्चा गेंद उछालता है,
सदियों के पार
लोकती है उसे एक बच्ची !
(i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
उत्तर- सन्दर्भ – प्रस्तुत कविता ‘भाषा एकमात्र अनन्त हैं हमारी पाठ्य-पुस्तक के काव्य खण्ड में संकलित कवि अशोक वाजपेयी द्वारा विरचित है।
(ii) ‘फूल झरता है, फूल शब्द नहीं!’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कवि का कहना कि भाषा ही एकमात्र अनन्त है अर्थात् जिसका अन्त नहीं है। फूल वृक्ष से टूटकर पृथ्वी पर गिरता है, उसकी पंखुड़ियाँ टूटकर बिखर जाती हैं और अन्त में फूल मिट्टी में ही विलीन हो जाता है। फूल की तरह शब्द विलीन नहीं होते।
(iii) कवि ने भाषा की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर- कवि ने भाषा की विशेषता बताते हुए कहा है कि भाषा अनन्त है, जिसका कभी कोई अन्त नहीं है। सदियों के पश्चात् भी भाषा का अस्तित्व बना रहता है। यह दूसरी बात है कि विशद समयान्तराल में भाषा के स्वरूप में परिवर्तन अवश्य हो जाता है, लेकिन वह समाप्त नहीं होती। सदियों पूर्व की घटनाओं को हमारे सामने रखने का एकमात्र साधन भाषा है।
(iv) प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है और क्यों?
उत्तर- अप्राकृतिके वस्तुओं द्वारा यहाँ प्रकृति का मानवीकरण किया गया है, जिस कारण यहाँ मानवीकरण अलंकार है।